“Tere Lehje Ka Narm Pan (The Sweetness in Your Voice)” वही खासियत है, जो हर बात को जादू बना देती है।कहते हैं कि आवाज़ में असर हो तो लफ्ज़ कम भी कहे जाएं तो चलेगा, और जब बात तेरे लहजे की हो — उस नरमपन की, जो सीधा दिल तक उतर जाए — तब वो आवाज़ नहीं, मोहब्बत का तराना बन जाती है।
💌 25 Romantic Shayari on “Tere Lehje Ka Narm Pan”
1.
Tere Lehje Ka Narm Pan है,
जैसे बारिश की पहली बूंद।
जो सुने तेरी बातों को,
वो हो जाए इश्क़ में चूर।
2.
जब तू धीरे से बोलती है,
दिल की धड़कन थम जाती है।
तेरे लहजे की वो नर्मी,
हर दर्द को सहलाती है।
3.
तेरे लफ्ज़ों का हर तर्ज़,
दिल को सुकून दे जाए।
तेरे नरम से बोल,
जैसे रूह को छू जाए।
4.
तेरा लहजा कुछ ऐसा है,
जैसे बहती हुई हवा हो।
तेरे हर अल्फ़ाज़ में,
एक मोहब्बत सी बसी हो।
5.
तेरे कहने का तरीका,
हर शिकवा मिटा देता है।
तेरे लहजे का नरमपन,
हर रिश्ता निभा देता है।
6.
जब तू कुछ कहती है,
तो अल्फ़ाज़ मुस्कुराते हैं।
तेरे लहजे की नरमी में,
दिल के ज़ख्म भर जाते हैं।
7.
तेरे बोले हुए हर लफ़्ज़ में,
कुछ नज़ाकत सी होती है।
तेरे लहजे की वो मिठास,
हर रूह में समा जाती है।
8.
तेरे नरम बोलों की सदा,
हर शाम को सवेरा कर दे।
जब तू पास हो और बोले,
तो सारा आलम सुनहरा कर दे।
9.
तेरी बातों की सादगी में,
एक नशा सा छिपा है।
तेरे लहजे की मखमली छांव,
हर सख़्त दिल को पिघला देती है।
10.
तेरे लहजे की नर्मी जब मिलती है,
हर शिकन सुलझ जाती है।
तेरी वो मीठी ज़ुबां,
हर सर्द ख्याल को भी गर्मी दे जाती है।
11.
तू जब कहे “ठीक हूँ मैं”,
तो सारा जहाँ अच्छा लगने लगता है।
तेरे लहजे की मिठास,
हर ग़म को छोटा कर देती है।
12.
तेरे बोलों का जादू ऐसा,
कि बिन छुए छू जाए।
तेरे लहजे का नरमपन,
हर धड़कन में बस जाए।
13.
तेरे लफ्ज़ों की नरमी से,
रिश्तों में रंग भरते हैं।
तेरे अंदाज़ में जो सादगी है,
वो अल्फ़ाज़ को भी संवरते हैं।
14.
तेरे लहजे की नमी में,
सुकून बसा होता है।
तू जब बोले,
तो हर दर्द खोता है।
15.
तेरे मीठे लफ्ज़ों का असर,
हर मर्ज़ की दवा लगता है।
तेरा नरम बोलना,
हर सर्द मौसम को हवा लगता है।
16.
तेरी आवाज़ का वो मीठा सुर,
रूह में उतर जाता है।
तेरे लहजे की वो ताजगी,
हर दिन को नया बना जाता है।
17.
तेरे बोले अल्फ़ाज़ जैसे,
चाय में इलायची हों।
हर बात तुझसे जब हो,
तो सुकून की बारिश हो।
18.
तेरे कहने की जो अदा है,
वो रूह को महका देती है।
तेरे नरम लहजे की सदा,
हर दर्द को बहा ले जाती है।
19.
तेरी बातों की खुशबू,
हर दिल तक जाती है।
तेरे लहजे की नज़ाकत,
खामोशी को भी गाती है।
20.
तेरे लहजे में वो जादू है,
जो आँसुओं को भी मुस्कान दे।
तू जब “मैं हूँ ना” कहे,
तो दुनिया आसान लगे।
21.
तेरा लहजा जब छूता है,
तो दिल बहल जाता है।
तेरे लफ्ज़ों की मिठास में,
हर पल सज जाता है।
22.
तेरी आवाज़ की नरमी,
नींदों सी लगती है।
तू जब बोले,
तो ज़िन्दगी रंगीन सी लगती है।
23.
तेरे लहजे की मिठास,
हर सुबह का उजाला है।
तेरी बोली,
हर ख्वाब की ताबीर वाला इशारा है।
24.
तेरे कहने का जो ढंग है,
वो हर फिक्र को हरा देता है।
तेरा नरम लहजा,
हर शिकायत को सुला देता है।
25.
तेरे लहजे में वो अपनापन है,
जो बेगानों को भी अपना बना ले।
तेरी बातों की गर्माहट,
हर रिश्ते को दिल से निभा ले।
❤️ निष्कर्ष:
“Tere Lehje Ka Narm Pan” वो एहसास है जो बिना छुए भी,
दिल की सबसे कोमल परत तक पहुँच जाता है।
वो आवाज़ जिसमें मोहब्बत बसती है,
और हर अल्फ़ाज़ अपने आप में इश्क़ बन जाता है।
ऐसी ही मोहब्बत भरी शायरी के लिए पढ़ते रहिए:
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