ज़रूर! पेश है एक बेहद खूबसूरत और दिल को छू लेने वाला शायरी संग्रह उस हुस्न के नाम,
आज की शायरी समर्पित है — “Nazuk Kalaiyan (नाज़ुक कलाईयाँ)” पर।
तेरी नाज़ुक कलाईयाँ, जैसे फूलों की टहनी।
जिन पर चूड़ियों की खनक हो, तो हर सन्नाटा भी गीत बन जाए।
इन कलाईयों में बसी मोहब्बत की वो मासूमियत है,
जो हर दिल को अपने जादू में बाँध लेती है।
💖 25 Romantic Shayari on “Nazuk Kalaiyan – तेरी नाज़ुक कलाईयाँ”
1.
तेरी नाज़ुक कलाई पर जब चूड़ियाँ बजती हैं,
दिल की हर धड़कन उनसे उलझती है।
तेरी हर हरकत लगती है शरारत,
तेरी कलाई में जैसे मोहब्बत सजी हो बारात।
2.
तेरी कलाई में वो नज़ाकत है,
जैसे रेशमी धागों की बात है।
हर चूड़ी जब उसमें खनकती है,
तो रूह तक मोहब्बत महकती है।
3.
तेरी कलाईयों की नमी में,
इश्क़ भीगी सी लगती है।
तेरे हर इशारे में वो बात है,
जो पूरी कायनात से सजी लगती है।
4.
तेरी कलाई पे जो चूड़ी खनकती है,
वो मेरे दिल की तन्हाई को चीरती है।
ऐसी नज़ाकत है तेरे अंदाज़ में,
कि मोहब्बत खुद भी सिखने को तरसती है।
5.
तेरी नाज़ुक कलाई का जादू,
मेरे दिल की ज़ुबान बन गया।
जिसे पकड़ लूं एक बार,
तो सारा जहां भुला दूँ यार।
6.
तेरी कलाई की वो पतली सी लकीर,
जैसे चाँद की पहली शब की तस्वीर।
तेरी चूड़ियों की वो मधुर झंकार,
हर ग़ज़ल को दे गई एक नया प्यार।
7.
तेरी कलाईयों पे जब सूरज की रौशनी पड़े,
तो लगे जैसे सोना भी शरमाए।
तेरा स्पर्श ही काफी है,
जो वीरानों को भी महकाए।
8.
तेरी कलाई में जब मैं चूड़ी पहनाता हूँ,
हर पल में तुझे और अपना पाता हूँ।
तेरे हाथों का वो कोमल अहसास,
मुझे हर लम्हा तुझसे और जोड़ता है ख़ास।
9.
कलाई तेरी जैसे हवा की छुअन,
जो छू जाए तो दिल हो जाए मगन।
तेरी चूड़ियों की मीठी खनक,
हर ग़म को पल भर में करे धड़क।
10.
तेरी नाज़ुक कलाइयाँ जब ज़रा सी हिलती हैं,
चूड़ियाँ उनकी धुन में गीत सी बजती हैं।
हर शाम तुझसे रोशन होती है,
हर सुबह तेरी कलाईयों से सजती है।
11.
तेरी कलाई पे जो फिसलती चूड़ियाँ हैं,
वो दिल की सबसे प्यारी धुन बन जाती हैं।
तू बस पास हो एक पल को,
तो मेरी रूह तक मुस्कराती है।
12.
तेरी कलाईयों की वो रेखा,
मेरे इश्क़ की गहराई को कहती है।
तेरा छू जाना ज़रा सा,
मेरे दिन को दीवाली कर देता है।
13.
तेरी कलाई पे रख दूँ अगर अपना नाम,
तो वो खुदा से बढ़कर लगे शाम-ओ-सहर तमाम।
हर इबादत हो जाए मुकम्मल,
जब तुझसे हो दिल का ये कामिल मिलन।
14.
तेरी कलाई जब छुपा ले अपना चेहरा,
तो लगे जैसे चाँद ने ओढ़ ली हो घटा।
हर लम्हा तुझमें बसा है कोई राज़,
जो हर दिल को कर दे तेरे नाम पर नाज़।
15.
तेरी कलाईयों की वो महीन रेखा,
जिसमें छुपा है इश्क़ का देखा-अनदेखा।
तू जब हाथ बढ़ाए,
तो दुनिया भी झुक जाए।
16.
तेरी नाज़ुक कलाइयों में जब मैं अपना नाम सोचता हूँ,
तो हर ख्वाब मुझे और गहरा लगता है।
तेरी वो मासूमियत, तेरी वो अदाएं,
मुझे हर बार तुझसे और प्यार कराती हैं।
17.
तेरी कलाई पे जब मैं बंधन बनाना चाहूँ,
तो खुदा से वो पल मैं माँगना चाहूँ।
तेरी चूड़ियों की खनक में जो जादू है,
वो मेरी तन्हाई को रौशनी देता है।
18.
तेरी कलाई से झूलते वो कंगन,
मेरे ख्वाबों के सबसे हसीन रंग हैं।
तेरी हर हरकत में सजी है मोहब्बत,
और तेरा होना ही मेरी इबादत है।
19.
तेरी कलाइयों पर जो नर्म रौशनी पड़ी,
तो मेरी तन्हाई भी मुस्कुरा पड़ी।
तू पास हो तो वक़्त भी थम जाए,
तेरा एहसास ही तो मेरी दुनिया सजाए।
20.
तेरी कलाईयों की वो हल्की सी थरथराहट,
मेरे दिल में बजा दे मोहब्बत की सरगम।
तू बस एक बार थाम ले हाथ मेरा,
तो हर तन्हाई हो जाए बेदम।
21.
तेरी कलाई, तेरे इश्क़ का पैग़ाम,
जो थाम लूं, तो मिल जाए हर आराम।
तू यूँही मेरे पास रहे,
तो बाकी दुनिया बेनाम।
22.
तेरी कलाइयों पे चाँदी का कंगन,
मेरे दिल का सबसे हसीं दर्पण।
जिसमें मैं खुद को हर रोज़ देखता हूँ,
तेरे इश्क़ में हर रोज़ और बहकता हूँ।
23.
तेरी कलाई जब मेरे हाथ में आए,
तो मेरी रूह सुकून में समाए।
हर चूड़ी तेरी, हर खनक की सदा,
मेरे दिल को दे जाए नया नशा।
24.
तेरी कलाइयाँ जब महके इत्र से,
तो लगे जैसे बहार उतर आई हो।
तेरा नाम मेरे हाथों में लिखा हो,
तो पूरी कायनात मुस्कुराई हो।
25.
तेरी कलाई की हर हरकत,
मेरे दिल में एक नज़्म बन जाए।
तू जब मुस्कराए और चूड़ी खनके,
तो हर साज तुझपे झुक जाए।
निष्कर्ष:
“Nazuk Kalaiyan” सिर्फ़ एक बदन की खूबसूरती नहीं,
बल्कि वो मासूम एहसास हैं, जो चूड़ियों की झंकार के साथ मोहब्बत की सबसे हसीन कविता बन जाती हैं।
कभी ख़ामोश, कभी शरारती – ये कलाईयाँ मोहब्बत की सबसे दिलचस्प जुबान होती हैं।
और ऐसी ही हुस्न की हसीन तारीफ़ों के लिए देखिए:
🔗 JNV TIMES
🔗 Love Proposal


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