Phoolon Se Narm Tera Ang – फूलों से नरम तेरा अंग, मोहब्बत का सबसे हसीन अहसास, 25 Romantic Shayari

Phoolon Se Narm Tera Ang

इश्क़ में जब कोई “Phoolon Se Narm Tera Ang” कहता है, तो उसमें सिर्फ़ तारीफ़ नहीं, इबादत होती है।
तेरे बदन की वो नर्मी, वो मासूमियत — जैसे रब ने फूलों की भी कोमलता चुरा ली हो।
तेरे स्पर्श की वो मिठास, जो रूह तक उतर जाए और मोहब्बत को सुकून बना दे।


💌 25 Romantic Shayari on “Phoolon Se Narm Tera Ang – फूलों से नरम तेरा अंग”


1.
तेरा अंग है जैसे कोई फूल खिला हो,
जिसे छूने से भी हवा डरे।
इतनी नर्मी, इतनी सादगी,
कि खुदा भी तुझे देखकर मुस्कुराए।


2.
तेरे बदन की नर्मी से,
फूलों ने भी सीखा छूना।
तेरा स्पर्श जब महसूस हो,
तो हर ज़ख्म लगे सूना।


3.
तेरा हर अंग है कोमल सा,
जैसे कली से भी नाज़ुक हो।
जिसे छू जाए प्यार भरी नज़र,
तो वो भी महक जाए।


4.
तेरे जिस्म की नर्मी में,
हर सुकून बसा है।
फूल भी जब तुझसे छुए,
तो खुद को खुशनसीब समझे।


5.
तेरे अंग की वो नरमी,
जैसे बारिश की पहली फुहार।
जिसे महसूस कर,
दिल कहे — बस और नहीं, यही प्यार।


6.
तेरा बदन, तेरी त्वचा,
फूलों से भी नाज़ुक लगे।
जिसे देखूं, जिसे सोचूं,
तो हर एहसास ठहर जाए।


7.
तेरे जिस्म की कोमलता,
हर दर्द को भुला दे।
तू जो पास हो,
तो हर साँस खुदा सा लगे।


8.
तेरे अंग की नरमी,
सिर्फ़ जिस्म नहीं — रूह भी छू जाए।
तू जो मुस्कुरा दे,
तो हर दिल तुझमें ही खो जाए।


9.
तेरा स्पर्श फूलों से नरम,
तेरी बातों में मिठास है।
तेरे हुस्न की हर परछाई,
मुझे तेरे करीब लाए बार-बार।

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10.
तेरे अंग की हर लकीर,
खुद में कहानी लिए है।
जो एक बार तुझसे छुए,
वो मोहब्बत को जी लिए है।


11.
तेरे बदन की ये नज़ाकत,
जैसे जामुन की ताज़गी हो।
तेरा हर हिस्सा,
इश्क़ की तर्जुमानी हो।


12.
तेरे अंग की नरमी,
मेरी कविता की रूह बन जाए।
जो तुझसे दूर हो,
वो भी तुझमें ही रह जाए।


13.
तेरा बदन छूता नहीं,
बस महसूस होता है।
फूलों से भी जो सुकून मिले,
वो तुझसे ही होता है।


14.
फूल भी तुझसे शर्माए,
तेरी नर्मी के आगे झुके।
तेरे अंग की वो शफाफियत,
हर इश्क़ को झुका दे।


15.
तेरे बदन का एहसास,
जैसे हवा में गुलाब घुल जाए।
तेरी नर्मी को जो महसूस कर ले,
वो ताउम्र तुझमें ही सुलग जाए।


16.
तेरे अंग से जो खुशबू उठे,
वो रातों में रौशनी कर दे।
तेरी नर्मी की वो अदाएँ,
हर साँस को बंदिश कर दे।


17.
तेरी त्वचा की वो नरमी,
जो शायर को दीवाना कर दे।
तेरे जिस्म की वो पाकीज़गी,
हर अल्फ़ाज़ में समा जाए।


18.
तेरे अंग की नज़ाकत,
इश्क़ की सबसे प्यारी बात है।
जिसे तू छू ले बस नज़र से,
वो भी ताउम्र तेरा साथ चाहता है।


19.
तेरी नर्मी को अल्फ़ाज़ में पिरोना,
जैसे खुशबू को बाँधना हो।
तेरे अंग की वो मासूमियत,
जैसे पहली बार प्यार हुआ हो।


20.
तेरा जिस्म, तेरा रंग,
हर कोना जैसे कविता हो।
तेरी नर्मी जब महसूस हो,
तो वक़्त भी थम जाए।


21.
तेरे अंग की कोमलता,
हर साँस को गुलाब कर दे।
तेरी छुअन से जो गुज़र जाए,
वो पूरी ज़िंदगी को ख्वाब कर दे।

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22.
तेरे अंग की नमी में,
हर मौसम पिघल जाए।
तू जो पास हो,
तो दिल हर दर्द से निकल आए।


23.
तेरे बदन की वो गर्मी,
जिसमें हर सर्दी खो जाए।
तेरी नरमी की आहट से,
हर मोहब्बत जुड़ जाए।


24.
तेरे अंग की नज़ाकत से,
शबनम भी नर्म लगे।
तेरे एहसास से जो भरे,
वो हर दुआ में कायम रहे।


25.
तेरा बदन, फूलों का अहसास,
तेरी छुअन एक करामात है।
तेरे हुस्न की नरमी,
हर इश्क़ की सबसे खूबसूरत बात है।


❤️ निष्कर्ष:

“Phoolon Se Narm Tera Ang” कोई शारीरिक तारीफ़ नहीं,
ये उस मोहब्बत का सम्मान है जो रूह से रचती है।
तेरे बदन की वो कोमलता,
हर दिल को ऐसा सुकून देती है कि लोग इश्क़ को तुझसे जोड़ने लगते हैं।


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