“Chaand Si Soorat (A Face Like the Moon)” कोई मामूली तारीफ़ नहीं, ये वो जादुई मिसाल है जो रात की तन्हाई में दिल को रोशनी देती है।
तेरी सूरत में चाँद की सी ठंडक है, सुकून है, और वो दिलकश चमक है जो अंधेरों में भी उम्मीद बनकर खिलती है।
💌 25 Romantic Shayari on “Chaand Si Soorat – चाँद सी सूरत”
1.
तेरी सूरत चाँद सी है,
मगर उससे कहीं ज्यादा नर्म।
जो एक बार देख ले तुझको,
उसके दिल में हो जाए गर्म।
2.
चाँद भी शरमाए जब तू सामने आए,
तेरे चेहरे की रौशनी हर साया मिटाए।
तेरी सूरत की वो पाकीज़गी,
जैसे खुदा ने फुर्सत से बनाई हो।
3.
चाँद की तो अपनी शान है,
मगर तेरे चेहरे की बात और है।
जो तू मुस्कुरा दे ज़रा,
तो पूरी कायनात रोशन हो जाए।
4.
तेरी सूरत चाँद जैसी,
तेरा नूर बेमिसाल।
जो तुझे एक नज़र देख ले,
वो हो जाए बेहाल।
5.
चाँद से भी प्यारी है तू,
तेरे हुस्न में है वो बात।
जो छू जाए नज़रों को,
बन जाए इश्क़ की सौगात।
6.
चाँदनी भी फीकी लगे,
जब तू चेहरे से नूर बिखेरे।
तेरी सूरत को देख कर,
हर शायर खुद को खो दे।
7.
तेरा चेहरा वो चाँद है,
जिसमें कोई दाग नहीं।
तेरी सूरत में बसी है,
हर इश्क़ की राहत सही।
8.
तेरी सूरत में वो सफाई है,
जो चाँद में कहाँ नसीब।
तेरे चेहरे की रौशनी से,
दिलों को मिलती है तमीज़।
9.
तेरी चाँद सी सूरत में,
हर रात को सवेरा लगे।
तेरा हुस्न जब सामने हो,
तो रूह को बसेरा लगे।
10.
तेरे चेहरे का जो नूर है,
वो किसी सितारे से कम नहीं।
तेरी चाँद सी सूरत देख,
दिल कहे – अब ग़म नहीं।
11.
तेरा चेहरा जब सामने आता है,
तो रातें भी चहक जाती हैं।
तेरी सूरत की चाँदनी में,
सारी तन्हाइयाँ बहक जाती हैं।
12.
तेरी सूरत की जो बात है,
वो चाँद को भी हैरान करे।
तेरा हुस्न देख कर खुदा भी,
अपने हुनर पे गुमान करे।
13.
तेरी सूरत से जो रौशनी निकले,
वो अंधेरों को जलाए।
चाँद खुद नीचे उतर आए,
अगर तू एक बार मुस्कुराए।
14.
तेरी चाँद सी सूरत में,
हर ख्वाब को मंज़िल मिलती है।
तेरा चेहरा जब दिखे,
तो रूह तक सुकून पाती है।
15.
तेरी सूरत की चाँदनी से,
हर जज़्बात भीग जाते हैं।
तेरा चेहरा जब सामने हो,
तो अल्फ़ाज़ ही रुक जाते हैं।
16.
चाँद की तो अपनी चमक है,
मगर तू उससे भी आगे निकले।
तेरे चेहरे का जो नूर है,
वो हर नज़्म को ताज़ा कर दे।
17.
तेरा चेहरा चाँद सा,
तेरी बातों में चाँदनी।
तेरी एक झलक से मिले,
हर दर्द को राहत की पनाहनी।
18.
तेरी सूरत जब भी देखी,
तो रातें फूलों सी लगने लगीं।
तेरा हुस्न जब पास आया,
तो साँसें भी महकने लगीं।
19.
तेरा चेहरा जब नज़रों में हो,
तो और कुछ न दिखे।
चाँदनी भी लगे अधूरी,
अगर तू सामने न दिखे।
20.
तेरी सूरत की पाकीज़गी,
हर दिल को अपना बना ले।
तेरे चेहरे से जो नूर निकले,
वो ज़माने को रौशन कर दे।
21.
तेरी सूरत को देखूं तो,
हर बार नया नज़ारा लगे।
चाँद को भी ताज्जुब हो,
कि ये हुस्न कहाँ से सवारा लगे।
22.
चाँद से तुलना तुझसे करना,
शायद खुद उस पे जुल्म होगा।
तेरे चेहरे की मासूमियत,
हर फ़साना ग़ुलाम होगा।
23.
तेरे चेहरे में वो बात है,
जो हर दिल को भाए।
चाँदनी में जो सुकून है,
वो तेरे दीदार में समाए।
24.
तेरी चाँद सी सूरत को,
नज़रों में भर लिया हमने।
तेरा हुस्न हमारी दुआ बन गया,
हर ख्वाब में रख लिया हमने।
25.
तेरा चेहरा देख के ही,
रातें चाँदनी हो जाती हैं।
तेरी मुस्कान से ही तो,
दुनिया रोशन हो जाती है।
❤️ निष्कर्ष:
“Chaand Si Soorat” सिर्फ़ हुस्न की तारीफ़ नहीं,
ये उस पाक मोहब्बत का इज़हार है जो आंखों से शुरू होकर रूह तक पहुंचता है।
तेरी सूरत जब सामने हो, तो पूरा जहां चुप हो जाता है —
बस दिल धड़कता है और शायरी खुद-ब-खुद बनती जाती है।
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