“Tere Andaz-e-Chal (The Elegance in Your Walk)” महज़ एक अंदाज़ नहीं, ये वो फ़न है जिसमें जज़्बात भी बहकते हैं और दिल भी।
तेरा चलना जैसे शबनमी हवा का बहना, हर क़दम पर हुस्न की रवानी और हर झलक में मोहब्बत की कहानी।
25 Romantic Shayari on “Tere Andaz-e-Chal (तेरे अंदाज़-ए-चल)”
1.
Tere Andaz-e-Chal कुछ ऐसा है,
जैसे बहारें खुद चल पड़ी हों।
हर क़दम पे ठहरता है दिल,
जैसे सांसें भी थम सी गई हों।
2.
अंदाज़-ए-चल तेरा है जैसे,
कविता की हर एक पंक्ति हो।
तू चलती जाए जहाँ भी,
वो राहें खुद बगिया बनती हों।
3.
तेरे चलने का अंदाज़ जब देखूं,
दिल मेरे क़दमों से आगे चल दे।
वो लहराता बदन, वो सादगी,
जैसे चाँद भी शरमा जाए खुद से।
4.
तेरे चलने की रवानी में,
इक जादू सा असर है।
हर मोड़ पे रुक जाएं नज़रें,
हर दिल पे तेरा असर है।
5.
तेरे अंदाज़-ए-चल की कसम,
इश्क़ को भी रास्ता दिखा दिया।
हर क़दम पे जो तू मुस्काए,
वक़्त को वहीं सिला दिया।
6.
तेरा चलना है जैसे बारिश की बूँदें,
धीरे-धीरे दिल को भिगो जाएं।
हर अंदाज़ तेरा इतना खास,
कि खुदा भी वाह-वाह कह जाए।
7.
तेरे हर क़दम में नज़ाकत है,
तेरे चलने में फ़साना है।
जिस राह से तू गुज़र जाए,
वो भी तुझ पे कुर्बान हो जाना चाहे।
8.
तेरे अंदाज़-ए-चल में जो नज़ाकत है,
वो अल्फ़ाज़ों में नहीं समा सकती।
तू जब ज़रा सी ठुमक जाए,
तो ये दुनिया खुद को भूल जाए।
9.
तेरे चलने का जो ढंग है,
हर अदा से जुदा लगता है।
कभी रूक रूक कर, कभी थम कर,
हर कदम पे इश्क़ सा लगता है।
10.
तेरा चलना जैसे बहती नहर,
मौसम भी झूमने लगे।
तू जो मस्ती में आए यूँ,
तो रूह भी गीत गाने लगे।
11.
तेरे चलने की वो लहर,
हर दिल में हलचल ला दे।
हर कदम पे जो तू मुस्काए,
तो ज़िन्दगी भी शरमा जाए।
12.
तेरे अंदाज़ में जो ठहराव है,
वो वक़्त को भी रोक देता है।
तू चले जब शरारती अंदाज़ में,
हर दिल तुझ पर फिदा हो जाता है।
13.
तेरा चलना है मोहब्बत की रवानी,
हर चाल में शरारत है।
कभी देखूं तुझे दूर से,
तो हर साँस में चाहत है।
14.
तेरे अंदाज़-ए-चल में बसी,
कई खामोश मोहब्बतें हैं।
जो सिर्फ़ महसूस होती हैं,
लफ़्ज़ों में नहीं ढलतीं हैं।
15.
तेरी चाल में जो मिठास है,
वो शहद को भी फीका कर दे।
तू बस चलती जाए कहीं,
तो हर नज़ारा तेरा हो जाए।
16.
तेरे चलने का ये सलीका,
जैसे शायरी के मिसरे हों।
हर कदम पे बुनते हुए,
इश्क़ की ज़मीन में किस्से हों।
17.
तेरी चाल का असर ऐसा,
कि बादल भी बहक जाते हैं।
जब तू लहराती है ज़रा,
तो मौसम भी बदल जाते हैं।
18.
तेरे हर चलने में जो सुकून है,
वो दवा से बेहतर लगता है।
तू जब आए सामने से,
तो हर मर्ज़ खुद बखुद सुलझता है।
19.
तेरी चाल में जो ठहराव है,
वो मुझको दीवाना बना गया।
हर अंदाज़ तेरा चुराता है,
और मुझे तुझमें डुबा गया।
20.
तेरे चलने की चाल जब बहे,
हर धड़कन गुनगुनाए।
तू नज़रों से गुज़रे,
तो ज़माना खुद को बहकाए।
21.
तेरा अंदाज़-ए-चल वो नज़ारा है,
जो आंखों में ठहर जाता है।
हर क़दम पे तू जो मुस्काए,
तो दिन खुद संवर जाता है।
22.
तेरे चलने की वो रवानी,
हर पल को नई कविता बना दे।
तू गुज़रे किसी गली से,
तो वो गली भी बाग़ बन जाए।
23.
तेरी चाल में जो इतर है,
वो किसी फूल से कम नहीं।
तू जब चली ग़ज़ल सी,
तो वक़्त भी गुनगुनाने लगे कहीं।
24.
तेरे हर क़दम का जादू,
हर दिल पे असर कर जाए।
तू जो चले तो रुक जाएं रास्ते,
और इश्क़ तेरा बन जाए।
25.
तेरे चलने का जो जादू है,
वो दिल से उतरता नहीं।
तू जब चले बेफिक्र सी,
तो ज़िन्दगी भी थमती नहीं।
✨ निष्कर्ष:
“Tere Andaz-e-Chal” कोई साधारण बात नहीं,
ये वो नज़ारा है जो लफ़्ज़ों से बाहर,
और एहसासों के सबसे करीब होता है।
तेरी चाल में जो असर है,
वो पूरी मोहब्बत की दास्तान बन जाता है।
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